Last modified on 7 फ़रवरी 2009, at 04:32

धुंध / रेखा

अचानक
चौंकती हूँ स्वप्न में
लगता है द्वार पर हुई दस्तक

सहसा
घाटी से धुंध
आकर लिपट जाती गिर्द

क्या तुम आओगे इसी तरह?