छोटा सा घर
पेड़ों के बीच
झील के किनारे
छत के ऊपर उठता हुआ धुआँ
अगर वह न होता
कितने वीरान लगते
यह घर,
ये पेड़
और झील ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य
छोटा सा घर
पेड़ों के बीच
झील के किनारे
छत के ऊपर उठता हुआ धुआँ
अगर वह न होता
कितने वीरान लगते
यह घर,
ये पेड़
और झील ।
1953
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य