मैं देख रहा था
सड़क पर
ऊँची इमारत के बाजू से
किसी तरह छलक कर
बमुश्किल उतरा
धूप का एक तिकोना टुकड़ा ।
इतने में
सिपाही का भारी-भरकम बूट
जो उस पर पड़ा
तो मैं सिहर गया भीतर तक
मुझे ठंड-सी लगी
मेरा शरीर काँप-सा गया
मैं देख रहा था
सड़क पर
ऊँची इमारत के बाजू से
किसी तरह छलक कर
बमुश्किल उतरा
धूप का एक तिकोना टुकड़ा ।
इतने में
सिपाही का भारी-भरकम बूट
जो उस पर पड़ा
तो मैं सिहर गया भीतर तक
मुझे ठंड-सी लगी
मेरा शरीर काँप-सा गया