Last modified on 6 दिसम्बर 2010, at 16:38

धूप / शिवराज भारतीय


गरमी में तन झुलसाती है
जाड़े में मन भाती धूप
कभी गुनगुनी कभी सुनहली
धूप बदलती रहती रूप।