आदमी नहीं सुनता आदमी की बातें
मगर अंधकार सुनता है उसकी बातें
और प्रकाशित कर देता है
धूप के अख़बार में
रचनाकाल: २९-१०-१९६५
आदमी नहीं सुनता आदमी की बातें
मगर अंधकार सुनता है उसकी बातें
और प्रकाशित कर देता है
धूप के अख़बार में
रचनाकाल: २९-१०-१९६५