आहः खुषी से खिल उठता है मन,
जब कोई अपनी प्यारी,
भारतीय संस्कृति,
की पहल करता है ,
रोम-रोम प्रफ्फुलित हो जाता है ।
ऐसा ही हुआ है अभी,
जब खबर पढ़ी और देखा,
आई-आई टी बीएचयू के,
दीक्षान्त समारोह में,
उपाधि लेने वाले,
मेधावी छात्रों ने,
गाउन नहीं धोती कुर्ता पहन कर,
भारतीयता का प्रदर्षन किया ।
और उम्मीद जगायी कि,
भारती संस्कृति,
कायम रह सकेगी,
कहीं न कहीं,
आने वाली पीढ़ी के हृदय में ।
महसूस करेगा वह,
अपने देष की,
मर्यादित संस्कृति को,
हर क्षेत्र में ।
पहल होगी विचारों में,
एकता, अखण्डता की ।
गूँजेगा हर दिल में,
मातृ भूमि का प्रेम,
हर बच्चा गर्भ करेगा,
भारतीय होने पर ।