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ध्रुव तारा / प्रभुदयाल श्रीवास्तव

नभ में चमकें नीले तारे,
लगते आँखों को हैं प्यारे।
उत्तर में देखो तो दिखते,
कई एक चमकीले तारे।
इन तारोँ के बीच सुशोभित,
ध्रुव जैसे प्रणम्य सितारे।
ध्रुव के चक्कर रोज लगाते,
सात बड़े चमकीले तारे।
यह कहलाते सप्तऋषि हैं,
कहते वेद पुराण हमारे।