हम मरते नई ज़िन्दगी पर, तस्वीर पुरानी रहने दे
नस-नस में भरी जवानी है, शमशीर पुरानी रहने दे
तूफ़ान छुपाए कानों को, रुनझुन से बहलाना कैसा
हम झाड़ जिसे आए पथ में, ज़ंजीर पुरानी रहने दे
रे क़लम चलाने वाले, अब बेकार सभी कोशिश तेरी
निर्माण हमारे क़दमों में, तक़दीर पुरानी रहने दे
रचनाकाल : 24.04.1950