जिस भाषा में बातचीत करते हैं हम
वह नाकाफ़ी है
हमारे उन भावों के लिए
जिन्हें हम व्यक्त करके भी
व्यक्त नहीं कर पाते
इसलिए हमें चाहिए एक नई भाषा
बेहद सहज और सरल भाषा
ठीक उस प्यार की तरह
जो हमारे भीतर महक उठता है
एक दूसरे के लिए
कभी-कभी
जिस भाषा में बातचीत करते हैं हम
वह नाकाफ़ी है
हमारे उन भावों के लिए
जिन्हें हम व्यक्त करके भी
व्यक्त नहीं कर पाते
इसलिए हमें चाहिए एक नई भाषा
बेहद सहज और सरल भाषा
ठीक उस प्यार की तरह
जो हमारे भीतर महक उठता है
एक दूसरे के लिए
कभी-कभी