बबुआ,
एखने हिंया समय हइ
जनता के लोप
और नेता के उदय हइ
सब कहऽ हे कि
कहर हो जैते
गाँव-गाँव में
बिजली अउ नहर हो जैतै
कहर हो जैतै
सहर सरग
गाँव सहर हो जैतै
चाहे रंगीन रहै इया, सादा
वादा पर वादा
फेर
चौपट राजा नगरी अन्हेर
बबुआ,
एखने हिंया समय हइ
जनता के लोप
और नेता के उदय हइ
सब कहऽ हे कि
कहर हो जैते
गाँव-गाँव में
बिजली अउ नहर हो जैतै
कहर हो जैतै
सहर सरग
गाँव सहर हो जैतै
चाहे रंगीन रहै इया, सादा
वादा पर वादा
फेर
चौपट राजा नगरी अन्हेर