नज़र आयी जब आसानी हमारी
सभी ने शक्ल पहचानी हमारी
ये मंजर देख कर सब जल मरे थे
क़दम उनके थे, पेशानी हमारी
कहीं ऐसा न हो सच जीत जाए
यही तो है परेशानी हमारी
मिलेगी जब तलक जूठन की नेमत
नहीं छूटेगी दरबानी हमारी
अभी तक चल रही है कैसे दुनिया
बढ़ी जाती है हैरानी हमारी
कटोरा ले के दर दर नाचते हैं
मगर कायम है सुल्तानी हमारी