बह रही नदी की तेज धार
जल बार-बार करता प्रहार
उद्धत तरंग से दुर्निवार
कट रहा खड़ा ऊँचा कगार,
चल रहा क्षरण क्षण-क्षण अधीर
रचनाकाल: २८-०७-१९७६, मद्रास
बह रही नदी की तेज धार
जल बार-बार करता प्रहार
उद्धत तरंग से दुर्निवार
कट रहा खड़ा ऊँचा कगार,
चल रहा क्षरण क्षण-क्षण अधीर
रचनाकाल: २८-०७-१९७६, मद्रास