Last modified on 28 मार्च 2011, at 18:50

नन्हा मुन्ना बसंत / नईम

नन्हा-मुन्ना बसंत मेले में छूट गया
शिशु के मनचीता
अलगोझा ज्यों टूट गया!
          पांचाल के पलाश
          कामरूप के गुड़हल,
          दस्यु सुंदरी जैसी
          मध्य देश की चम्बल;
          संग फौज फाटे के रेले में छूट गया!
दक्षिण के रंगकर्म
हम तो कोरे प्रेक्षक,
देशमहागाथा-सा
जिसमें दसियों क्षेपक;
मंगल घट
द्वारों पर भरा हुआ फूट गया!
          बल के अतिकार
          और आत्महनन के अवसर,
          मौसमी प्रसंगों में
          जैसे नेता अफसर;
देवता बसंत
रिसाए शिशु-सा रूठ गया।