नन्ही चिड़िया बिलकुल नन्ही
इतनी नन्ही, हाथ न आए
तितली जैसी फुद-फुद फुदके
कोयल जैसी गाना गाए
नन्हे-नन्हे पर फैलाए
फिर पतंग-सी उड़कर जाए
जैसे इसको हवा नचाए
कैसे उड़ती, कैसे गाती
कोई भी यह जान न पाए
यह नन्ही चिड़िया है भोली
बोला करती मीठी बोली
उड़ती है बनकर हमजोली
रोज कहाँ से उड़कर आए
रोज कहाँ यह उड़कर जाए
थोड़ा-सा है इसका खाना
सात, आठ, नौ या दस दाना
बस, फिर खाकर गाना गाना
इधर-उधर फिर उड़-उड़कर के
नन्ही चिड़िया मौज मनाए
कभी नहीं यह चिंता करती
नहीं अन्न से यह घर भरती
और नहीं यह भूखों मरती
जैसे रुनझुन-रुनझुन नाचे
जैसे केवल गीत सुनाए
नन्ही चिड़िया बिलकुल नन्ही
इतनी नन्ही हाथ न आए।