छीनने वालों दूसरो की हसी,
तुम कभी मुस्कुरा नहीं सकते।
कातिलों नन्हे जुगनुओ का लहू,
रौशनी है बुझा नहीं सकते ।। -- काज़िम जरवली
छीनने वालों दूसरो की हसी,
तुम कभी मुस्कुरा नहीं सकते।
कातिलों नन्हे जुगनुओ का लहू,
रौशनी है बुझा नहीं सकते ।। -- काज़िम जरवली