सभ दिन
अहाँ हमरा संग रहलहुँ
कखनो प्रेम
कखनो झंझटि करैत रहलहुँ।
लोकक बनाओल प्रेमक परिभाषामे
नहि अटलहुँ
संसारक सभटा नपना
अहाँकें नपबामे
छोट लागल हमरा।
सभ दिन
अहाँ हमरा संग रहलहुँ
कखनो प्रेम
कखनो झंझटि करैत रहलहुँ।
लोकक बनाओल प्रेमक परिभाषामे
नहि अटलहुँ
संसारक सभटा नपना
अहाँकें नपबामे
छोट लागल हमरा।