जिस थाली में खाता है उसी को मारता है ठोकर
जिस घर में रहता है उसी में लगाता है सेन्ध
तुम याद करो,
तुमने उसकी थाली में वर्षों तक कितना कम खाना दिया
याद करो, तुमने उसे घर में उतनी जगह भी नहीं दी
जितनी तिलचट्टे, चूहे, छिपकलियाँ या कुत्ते घेर लेते हैं ।