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नया साल / दुन्या मिखाईल

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1
कोई दस्तक दे रहा है दरवाजे पर.
कितना निराशाजनक है यह...
कि तुम नहीं, नया साल आया है.

2

मुझे नहीं पता कि कैसे तुम्हारी गैरहाजिरी जोडूँ अपनी ज़िंदगी में.
नहीं मालूम कि कैसे इसमें से घटा दूं खुद को.
नहीं मालूम कि कैसे भाग दूं इसे
प्रयोगशाला की शीशियों के बीच.

3

वक़्त ठहर गया बारह बजे
और इसने चकरा दिया घड़ीसाज को.
कोई गड़बड़ी नहीं थी घड़ी में.
बस बात इतनी सी थी की सूइयां
भूल गईं दुनिया को, हमआगोश होकर.

अनुवाद : मनोज पटेल