गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 2 जनवरी 2009, at 12:22
नर्क से बाहर / नवल शुक्ल
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
नवल शुक्ल
»
दसों दिशाओं में
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
मुझ से प्यार करने के बाद
मेरे वर्षों पुराने समय को
दोजख़ से निकाल दिया
मुझे लाल, गुलाबी, हरा किया।