हर शख्स
कुछ अधूरी इच्छाओं के बोझ लिए
अपने मुगालतों समेत
दुनिया-ए-फानी से
कूच कर जाता है
असमय
कितना अच्छा हो
अगर प्याला
यहीं रहते खाली हो जाए और
नशा आखिरी वक्त तक तारीं रहे ।
हर शख्स
कुछ अधूरी इच्छाओं के बोझ लिए
अपने मुगालतों समेत
दुनिया-ए-फानी से
कूच कर जाता है
असमय
कितना अच्छा हो
अगर प्याला
यहीं रहते खाली हो जाए और
नशा आखिरी वक्त तक तारीं रहे ।