वह नहीं चाहती
कि खुले एक भी बटन
पति की कमीज़ का
और दिख जाए
वह घना स्याह बीहड़
जिसमें ख़ूँखार जानवरों के
भयानक करतब हैं
चाहती है कि ढका रहे
दबा रहे
निभता रहे यूँ ही
सब अच्छे से
यहीं से उसके पालतू होने की
शुरुआत होती है
क्या पता
चारा हो जाने की भी.