Last modified on 13 जुलाई 2024, at 13:56

नहीं लिखने देती कविता आज / सुरजीत पातर / योजना रावत

नहीं लिखते देती कविता आज
भीतरी आग
जलाती है पन्ने
एक-एक करके

नहीं चाहिए मुझे कविता
कहती है आग

चाहिए मुझे तेरी छाती
दहकने के लिए

पंजाबी से अनुवाद : योजना रावत