शहर : अब
मुझे अपने समकालीनों में होना अच्छा नहीं लगता :
शहर के दूसरी तरफ़ गाँव हों या गाँवों में खलिहान और पगडण्डियाँ हों
मुझे शहर की ख़लक़त और गाँवों के मोरों में कोई रुचि नहीं है । मेरे
हाथों में हँसिया पकड़ा दिया गया है और मुझे केवल इतना ज्ञात है
कि एक दिन उस हँसिए के नीचे तुम्हारी गर्दन होगी और उसे
रेतने वाले हाथ मेरे होंगे ।
जिस देश के झण्डे में हँसिए का निशान होगा, वहाँ क़त्ल होंगे
सरेआम सड़कों पर :
मुझे अपनी मिट्टी के अतिरिक्त
किसी दूसरी मिट्टी में जमने की इच्छा नहीं !
मेरा प्रेमी एक गीदड़ है
जो अराजकता के कारण हुँआ-हुँआ करता है ।
कभी-कभी
वह चमेली की लतर की तरह मेरी ओर
झुक आता है तब
नासापुटों में भरती महक मुझे अपने होने के
एहसास से आप्लावित कर देती है ।
पिछले कई वर्षों में मैंने एक नई चीज़ सीखी है : चीज़ों को
अधूरा छोड़ देने की :
निष्कर्ष यदि बुद्ध ने लिए :
या नीत्शे ने या जाँ जेने या सार्त्र ने : या जगदीश चतुर्वेदी ने या
मैंने : वह हमेशा गोल होकर शून्य में बवण्डर मचाएँगे और कुछ लोग
हवा को सूँघने लगेंगे !
स्थितियों में व्यतिक्रम करने के लिए चुप हो जाना ही काफ़ी नहीं रहा ।
अपने को अपने पास बुलाने के लिए आवाज़ देना ही काफ़ी नहीं रहा ।
समकालीनों में मुझे केवल
भुनगे और कीड़े दिखाई देते हैं :
मैं अपना समकालीन पाने के लिए तरस गई हूँ :
मैंने अपने अधूरे
निष्कर्षों को मोहरबन्द कर दिया है :
सील लगाकर;
कि कोई मेरा समकालीन हो ही नहीं सकता : किसी के हाथों में
आग की तपिश नहीं है और न ही किसी के दिमाग़ में सामाजिक
षड्यंत्रों; मानसिक कुटैवों से ऊपर उठने की तिलस्मी समर्थ :
मैंने चुप होने के बावजूद
मुस्कराने का निश्चय किया है :
मैंने अपनी मुट्ठियाँ खोलकर
कीर्केगार्ड का आह्वान किया है । मुझे
किसी भदेसी व्यक्ति के पास नहीं लौटना बार-बार !
मुझे अब
अपने समकालीनों में होना अच्छा नहीं लगता !