Last modified on 19 सितम्बर 2018, at 02:22

नाच / गंग नहौन / निशाकर

खेतक आड़ि पर
घात लगौने बैसल बगुला
प्रतीक्षा छै ओकरा
फनिगाकें लोलमे जाबि लेबाक।

कोशीक पानिमे
उछलि-उछलि
नहाबैछ महींसवार
हेलब सीखबाक लेल
कएने अछि कबुला।

अन्हर-बिहाड़िमे
उड़िया गेल छै
हमर फूसक खोपड़ी
कोना जोड़ब खढ़-पतार
आ फेर ठाढ़ कऽ सकब
रौद आ बरखासँ नुकएबा लेल
अति सामान्य भारतीयक कपारमे दकचल
एकटा खोपड़ी
एहि विकराल समयमे।

बुद्धक बिहारमे
लागल अछि नरसंहारक झड़ी
मौन पसरल अछि सभ ठाम
श्मसान जकाँ।
बादशाह दैछ
प्रेस कान्फ्रेन्समें वक्तव्य
प्रशासन पाबि गेल
नरसंहार पर कब्जा।