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नाटक की शुरुआत / फ़रीद खान

आती है रौशनी उस रौशनदान से
छोटी सी दीवार की जगह को घेरते हुए ।
स्पॉट लाईट की तरह,
आती है रौशनी उस रौशनदान से ।
जैसे लगता है, बस,
नाटक शुरु होने वाला है ।