वो तारीख शायद ही
इतिहास में दर्ज़ होगी
जब बनी होगी
पहाड़ों को कुरेद कर
देश को रोशन करने की योजना
ये जानते हुए
कि पहाड़ देखने में जितना
शांत और सुंदर है
होता है उतना ही मज़बूत और खतरनाक
कुर्बानी और करामात का दस्तावेज
तकनीकी आश्चर्य
विज्ञान का चमत्कार है
नाथपा झाखड़ी प्रोजेक्ट
जिसमें निचोड़ लिया है सतलुज को
समाया है
बारबिल, बूकारो
दाड़ला और बरमाणा
प्रदीप्त है
मानव रचित संसार।
पहाड़ अडिग है
निगल कर बहती नदी को
उस तकलीफ़ में
जो होती है पानी को
लोहा घिसने में
जब घूम रहा है
लगातार उदर में
इस्पाती घराट
मन की गति से
चमक रही है
देश की सरकार
घर–बाजार
रोजगार-कारोबार