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नानू / लक्ष्मी खन्ना सुमन

टेढ़ी-मेढ़ी शक्ल बनाकर
नानू हमें हँसाएँ

बाँह पकड़कर गोल-गोल वे
झूला खूब झुलाएँ

सरकस हमें दिखाना जिसमें
हाथी खेल दिखाए

जोकर अजब दिखाकर करतब
हमको खूब हँसाए

उड़ा दिखाओ इस पतंग को
आ रे प्यारे नानू

उड़े सभी से ऊँची मेरी
तब मैं तुमको मानूँ