Last modified on 18 अक्टूबर 2013, at 17:24

नारो / विनोद स्वामी

गळी रै कादै कनै
भींत पर लिख्योड़ो नारो
पांयचा टांग्यां खड़्यो है-
'बूंद-बूंद पाणी बचाओ।'