नाव चली जी, नाव चली,
देखो-देखो, नाव चली।
लहरों पर तिरती जाती है,
थर-थर-थर बहती जाती है।
जाएगी यह नानी के घर,
बोल उठेगी नानी चुनमुन
नाव तुम्हारी है सुंदर!
नाव चली जी, नाव चली,
देखो-देखो, नाव चली।
लहरों पर तिरती जाती है,
थर-थर-थर बहती जाती है।
जाएगी यह नानी के घर,
बोल उठेगी नानी चुनमुन
नाव तुम्हारी है सुंदर!