Last modified on 16 अक्टूबर 2015, at 03:07

नाव में सवार होती नदी / असंगघोष

नदी
उछलती-उमड़ती
जुगलबंदी कर
हवाओं के साथ/लहरों पर सवार
कच्चा अनाज खाने घुस आई
नाव में सवार
परिवार के पास

खा गई/किश्ती
अनाज
थोड़ा-सा रुपया, और
दो जाने
इस तरह मना लिया नया साल
उड़ा ली दावत
31 दिसम्बर की रात
नाव में सवार हो नदी ने

नये साल के स्वागत में
अलस्सुबह
लाशें किनारे पर पड़ी थीं।