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निमन्त्रण / 1 / भील

भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एक नेवतो देजो गुणेसा घेर।
एक नेवतो देजो गुणेसा घेर।
एक नेवतो देजो सबेरा धड़।
महादेव बाबो आवसे।
एक नेवतो देजो सबेरा धड़।
ते उकार देजो आवसे।
एक नेवतो देजो सबेरा धड़।
ते गंगा ने गवरां आवसे।
एक नेवतो देजो सबेरा धड़।
ते लालबाई-फुलबाई आवसे।
एक नेवतो देजो सबेरा धड़।
ते चाँद-सूरज आवसे।

-एक निमंत्रण गणेशजी के घर देना। एक निमंत्रण महादेवीजी को, एक निमंत्रण
ओंकारदेव को और एक निमंत्रण गंगा-गौरा को देना। एक निमंत्रण लालबाई-
फूलबाई को और एक निमंत्रण चाँद-सूरज को देना, वे सभी अवश्य ही आएँगे।