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निमन्त्रण गीत / 2 / भील

भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आखो हरियालो डुंगर, काली कुयल बुले बेनी।
आवसे तारा भाइन जुड़ि, सरस्यो कागद भेजो वो।
आखो हरियालो डुंगर, काली कुयल बुले बेनी।
आवसे तारि भोजाइ निजुड़ि, सरम्यो कागद भेजो बेनी।
आवसे तारा बणवि निजुड़ि, सरम्यो कागद भेजो बेनी।
आवसे ताराा फुवा निजुड़ि, सरम्यो कागद भेजो बेनी।
आवसे ताराा फुवा निजुड़ि, सरम्यो कागद भेजो बेनी।
आखो हरियालो डुंगर, काली कुयल बुले बेनी।

-पूरा जंगल हरा हो गया है उसमें काली कोयल बोल रही है। बनी तेरे भाई की
जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो। तेरी भौजाई की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो। तेरे बहनोई
की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो। तेरे फूफा की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो। तेरी बुआ
की जोड़ी आएगी पत्रिका भेजो।