Last modified on 28 नवम्बर 2013, at 13:05

निरभागी ! / कन्हैया लाल सेठिया

भलाई
धपाऊ सींच
कोनी उगै
कोरडू बीज,
पथराईजग्यो
ईण रै
अंतस रो सिरजण ?
कठै पड़यो है
कळजुग में
राम रो चरण ?
अबै तो
 चुगसी इण नै
 जद कोई
भूखो पंखेरू
जणां सुधरसी
इण निरीभागी री
जूण !