मृत्यु से डरते रहेंगे
तो
हो जायगा
- जीना निरर्थक !
भार बोझिल
शुष्क नीरस
निर्विषय मानस।
अतः
सार्थक तभी
जीवन,
मरण-डर मुक्त हो
- हर क्षण।
अशुभ है
नाम लेना
मृत्यु-भय का,
या प्रलय का
- इसी कारण।
मृत्यु से डरते रहेंगे
तो
हो जायगा
भार बोझिल
शुष्क नीरस
निर्विषय मानस।
अतः
सार्थक तभी
जीवन,
मरण-डर मुक्त हो
अशुभ है
नाम लेना
मृत्यु-भय का,
या प्रलय का