ये दुनिया एक रंगमंच है
और हम उसके अभिनेता हैं
अपने अपने किरदार निभाते हुए
जॉक के मुंह से शेक्सपीयर ने जब कही थी ये बात
स्वयं भी अपने हिस्से की बड़ी भूमिका खेल कर
समझ चुके थे पटकथा और निर्देशन के बाहर आजादी का मिथक
किसी की शिकायत है कि उसकी भूमिका काट कर छोटी कर दी गयी
कोई कहता है कि वह केवल पिटता रहा पूरे नाटक में
प्रेम, इज्जत और शोहरत औरों के खाते में आए
खलनायक अन्त तक साबित नहीं कर पाया कि उसके इरादे नेक थे
एक मजबूरी में वो करता रहा हत्याएं और बलात्कार
रोटी कमाने शहर निकले युवक अकेले थे
पता नहीं कब बीच में आया नदी में उफान और उस वेग में बस बहते गए
हमने खुले हुए दफ्तर और कचहरियां देखीं जिसके अन्दर बन्द रहते थे न्याय
विशिष्ट जनों के लिए उन्हें खोला जाता था न्यायाधीश की देख रेख में
फाड़ कर फेंके गए प्रार्थना पत्रों को हवा में उड़ते देखा
मंहगाई सरे आम उतार रही थी गरीबों के कपड़े
पुलिस थानों में बन्द किए गए थे भूखे पेट गुर्राने के अपराध में
न्यूज चैनलों के प्रशिक्षित कैमरे
उचित समय और उचित स्थानों पर ही
खोलते थे अपनी आंख
एक बहुत बड़े थियेटर पर मैंने
जनता के चुन कर आए प्रतिनिधियों को
एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकते और गाली गलौज करते देखा
शाम को वे एक महफिल में साथ- साथ
जाम से जाम टकराते दिखे
कहते थे उनके बीच मतभेद हो सकते हैं मनभेद नहीं
दृश्य में खूंखार जंगली जानवर
एक युवक को दबोच कर
बेतरह सीने पर बैठ जाता है
वह न तो उसे मारता है न उठने देता है
शायद उसे आनन्द आने लगा है युवक की निरुपायता देख कर
दर्शक कैद कर रहे हैं इस दृश्य को
अपने कैमरों में बनाते हुए रील
हजारों देख रहे हैं इस लोमहर्षक घटना को लाइव
लाखों कमेंट्स हैं करोड़ों लाइक
मैने देखा रात को और काले रंग से रंगा जा रहा है
विरोध करने वालों को पीटकर लाठी डंडों से भगा दिया गया है
दीए अपनी रोशनियों के पीछे छिपकर इस वक्त के कटने का इंतज़ार कर रहे हैं
तमाम प्रशासनिक फैसले
अपनी शब्दावलियों और मुहाबरों के बोझ के नीचे दबे दम तोड़ देते हैं
गुजरती पीढ़ी को लगता है कि
नयी पीढ़ी के सॉफ्टवेयर में
अवश्य ही कोई छोड़े जाता है खतरनाक मालवेयर
मैंने मासूमों को दुर्दान्त अपराधियों में बदलते देखा
अपनी संतानों की असाध्य बीमारियों
के इलाज़ न करा पाने की असमर्थता से लाचार स्वाभिमान घायल गिरते दिखे
मैंने देखा एक व्यक्ति घर वापस नहीं लौटना चाहता
क्या उत्तर देगा अपनी बेटी को कि कल से सब ठीक हो जाएगा
कर्ण भेदी बिस्फोटकों के कारखाने
विश्व संगीत सम्मेलन के आयोजक बन गए
बाघ सिंह और लकड़बग्घों के ऑर्केस्ट्रा में हिरणों का नाचना अनिवार्य कर दिया गया
लय भी उनकी ताल भी उनका
कुछ परछायियां अपने शरीरों से अलग होकर परदे पर थिरकती नज़र आयीं
प्रसंग और प्रयोजन की तयशुदा योजना पर
कलाकारों के उम्दा अभिनय और दृश्यों के बीच खोया
मैं देख ही नहीं पाया पीछे बैठे निर्देशकों की पूरी एक टीम
और उनकी उंगलियों के इशारे
नृत्य और गान के मनोरंजन में
इस तरह खोए रहे हम