मैं तुम्हें बहुत कुछ सौंप सकता हूं
निरभ्र उन्मुक्त आकाश सौंप सकता हूं
हवा के साथ बहुत जरूरी नमीं भी
लेकिन फिलहाल
तुम्हारे पैरों के नीचे
तुम्हें कुछ दिनों तक
एक मुकम्मल निष्कंप धरती का
विश्वास नहीं सौंप सकता...
मैं तुम्हें बहुत कुछ सौंप सकता हूं
निरभ्र उन्मुक्त आकाश सौंप सकता हूं
हवा के साथ बहुत जरूरी नमीं भी
लेकिन फिलहाल
तुम्हारे पैरों के नीचे
तुम्हें कुछ दिनों तक
एक मुकम्मल निष्कंप धरती का
विश्वास नहीं सौंप सकता...