मृत्यु?
प्रश्न-चिन्ह।
स्थिर
अनुत्तरित
अड़ा,
विरुद्ध बन
खड़ा।
पर, नहीं
मनुष्य हार मानना,
तनिक न ईश कल्पना
बचाव में,
सवाल के जवाब में,
नहीं, नहीं!
रहस्य मृत्यु का
निरावरण ... प्रकट
अवश्य
अवश्य
एक दिन!
मृत्यु?
प्रश्न-चिन्ह।
स्थिर
अनुत्तरित
अड़ा,
विरुद्ध बन
खड़ा।
पर, नहीं
मनुष्य हार मानना,
तनिक न ईश कल्पना
बचाव में,
सवाल के जवाब में,
नहीं, नहीं!
रहस्य मृत्यु का
निरावरण ... प्रकट
अवश्य
अवश्य
एक दिन!