शाम उतरने पर दूरदराज के गाँव में
एक लोरी
बहकर आती है
फूस के छप्पर के नीचे से
"हमारी मुन्नी सोएगी..."
मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार
शाम उतरने पर दूरदराज के गाँव में
एक लोरी
बहकर आती है
फूस के छप्पर के नीचे से
"हमारी मुन्नी सोएगी..."
मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार