नींबू मेरा खूब सयाना उस पर नीबू आए। हर टहनी ने देखो भैया नींबू खूब सजाए। अभी तो छोटे ओर हरे हैं प्यारे-प्यारे नींबू। पकने पर ही हम तोड़ेंगे अपने प्यारे नींबू। पर थोड़ा शैतान भी है न नींबू का यह पौधा! चुभा के कांटे हंसता है न नींबू का यह पौधा!