बिन मांगे पानी देथे, बादर के सुभाव
फोकट म दूसर बर, संत खाथे घाव
रौंद रौंद के माटी दिया बनावय कुम्हार
तभो ले दिया भट्ठी म चढ़ते त होथे दिया तियार
चन्दा सुरज घलो समय म हे बंधाय
समय सबले बलवान, हरिश्चंद्र ल डोम बनाय
बिन मांगे पानी देथे, बादर के सुभाव
फोकट म दूसर बर, संत खाथे घाव
रौंद रौंद के माटी दिया बनावय कुम्हार
तभो ले दिया भट्ठी म चढ़ते त होथे दिया तियार
चन्दा सुरज घलो समय म हे बंधाय
समय सबले बलवान, हरिश्चंद्र ल डोम बनाय