नीलाभ
(१६-८-१९४५), मुंबई
एम. ए. इलाहबाद से, 1980 में चार वर्ष बी.बी.सी. की विदेश प्रसारण सेवा में प्रोड्यूसर
काव्य
संस्मरणारम्भ, अपने आप से लम्बी बातचीत, जंगल खामोश है, उत्तराधिकार, चीजें उपस्थित हैं, शब्दों से नाता अटूट है,शोक का सुख, खतरा अगले मोड़ की उस तरफ है और ईश्वर को मोक्ष
गद्य
प्रतिमानों की पुरोहिती और पूरा घर है कविता
शेक्सपियर, ब्रेष्ट तथा लोर्का के नाटकों के रूपान्तर इनके अलावा,मृच्छकटिक’ का रूपान्तर सत्ता का खेल के नाम से.
जीवनानन्द दास, सुकान्त, भट्टाचार्य, एजरा पाउण्ड, ब्रेष्ट, ताद्युश रोजश्विच, नाजिम हिकमत, अरनेस्तो कादेनाल, निकानोर पार्रा और पाब्लो नेरूदा की कविताओं के अलावा अरुन्धती राय के उपन्यास के गॉड आफ स्माल थिंग्स और लेर्मोन्तोव के उपन्यास हमारे युग का एक नायक का अनुवाद
रंगमंच के अलावा टेलीविजन, रेडियो, पत्रकारिता, फि्ल्म, ध्वनि-प्रकाश कार्यक्रमों तथा नृत्य-नाटिकाओं के लिए पटकथाएँ और आलेख
फि्ल्म, चित्रकला, जैज तथा भारतीय संगीत में ख़ास दिलचस्पी
ई-पता : neelabh1945@gmail.com