Last modified on 18 मई 2018, at 18:28

नील घनपटल में कौन तुम दामिनी / रामइकबाल सिंह 'राकेश'

बागीश्वरी: तीन साल

कौन तुम निरुपमे देवि करवानिी
नौल घनपटल में दमकती दामिनी?

उद्गीति साम की, शक्ति तुम प्राण की,
ध्वंसिनी मोह-मद-दम्भ-अभिमान की।
शिवा, दिशावेशा, अजा, अपराजिता,
महाभावरूपा, नवराग र´्जिता।

सिद्धि तुम, तुष्टि तुम, परागतिपावनी,
तेजःप्रकाशिनी, श्रुतिमौलिमालिनी।
उष्णता अग्नि की कल्याणकारिणी,
गाथा पुराण की तुम चन्द्रभालिनी।