भै गेलोॅ भिंसर मतर नैं, भोर हमरोॅ
सोर छै अकि सोर में छै, सोर हमरोॅ
आँख केॅ तबसें बिछैलोॅ छी, खखन में
की पता कब तक खखनतोॅ, लोर हमरोॅ
पंख जे रखनें मोचारी छै, किरिन के
भै गेलोॅ अब छै, मिसाइल ठोर, हमरोॅ
कैद छै हुनकोॅ दलानी में, उजाला
आरू कहिया तक, हकनतोॅ घोॅर हमरोॅ
धुंध में कब तक, सुरुज रोॅ चरण चौकस
हक लेली विद्युतकना, हर पोर हमरोॅ
‘राज’ अब होतै बिहानी, हाथ हमरे
छै सरंगोॅ ली अबेॅ हर जोर हमरोॅ