न कुछ, तुम एक चित्र हो
रंगों से उभर आए अंगों का
जवान
जादुई
जागता
मन पर मेरे अंकित
मेरे जीवन की परिक्रमा का
अशान्त
अतृप्त
अनिवार्य
रंगीन विद्रोह ।
न कुछ, तुम एक चित्र हो
रंगों से उभर आए अंगों का
जवान
जादुई
जागता
मन पर मेरे अंकित
मेरे जीवन की परिक्रमा का
अशान्त
अतृप्त
अनिवार्य
रंगीन विद्रोह ।