Last modified on 23 नवम्बर 2009, at 21:31

न डिगा सकी उसे / जया जादवानी

सिर्फ़ एक क्षण ठिठक कर
देखा होगा चिड़िया ने
अनन्त आकश में उड़ने से पहले
वृक्ष को
उत्तेजना सम्भालने की आख़िरी कोशिश में
ज़मीन पर रेंग रहे कीड़े को
अपने पंजोंसे
खुरचते गीली मिट्टी
जड़ों के पास
सिर्फ़ एक क्षण
पत्ते की पुकार
पंखॊं को छूकर
आख़िरी साँस भरती हुई
सिर्फ़ एक क्षण
घोंसले को काँपते देखा होगा
एक-एक तिनका बिखरते
न डिगा सकी उसे
काली आँधियों की आहट
न पुकार, न शाख़ टूटी हुई
और उठी वह
हर क्षण को अनदेखा करते हुए।