हमका न मारौ नजरिया!
ऊँची अटरिया माँ बैठी रहौ तुम,
राजा की ओढ़े चुनरिया।
वेवेल के संगे माँ घूमौ झमाझम,
हमका बिसारे गुजरिया॥
संगी-सँहाती तबलचिन का लै के,
द्याखौ बिदेसी बजरिया।
गावौ, बजावौ, मजे माँ बितावौ,
ऐसी न अइहै उमरिया॥
राजा के हिरदय से हिरदय मिलावौ
करती रहौ रँगरलियाँ।
हमका पियारा है भारत हमारा,
तुमका पियारा फिरँगिया॥
हमका न मारौ नजरिया!
रचनाकाल: २८-१२-१९४६