पसरे हुए पंक पर
खिला हुआ कमल
कमल मेरे प्यार का
बहुत प्यारा है मुझे
पर इस कीचड़ से मोह कैसे तोड़ दूँ
जहाँ से दो-दो जोड़े चरण
एक बार आ मिले थे
पंक, तुम्हें मैं प्यार करती हूँ ।
पसरे हुए पंक पर
खिला हुआ कमल
कमल मेरे प्यार का
बहुत प्यारा है मुझे
पर इस कीचड़ से मोह कैसे तोड़ दूँ
जहाँ से दो-दो जोड़े चरण
एक बार आ मिले थे
पंक, तुम्हें मैं प्यार करती हूँ ।