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पंख दिला दो ना / हरीश निगम

पंख नहीं मेरे अम्मा
पंख नहीं मेरे।
अम्माँ पंख दिला दो ना।

तितली से मँगवा दो ना,
मोरों से दिलवा दो ना,
गुण गाऊँगी
मैं तेरे!
अम्माँ पंख दिला दो ना।

मिल जाएँ जो मुझको पर
धरती से पहुँचूँ अंबर,
पल में कर लूँ
सौ फेरे!
अम्माँ पंख दिला दो ना।

उड़कर मिलूँ पतंगों से
इंद्रधनुष के रंगों से
घूमूँ परियों
के डेरे!
अम्माँ पंख दिला दो ना।