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पंदरै / प्रमोद कुमार शर्मा

लूमाळो बडो हठीलो है सबद
-कबीलो है
जूनो म्हारै मुरधर देस रो
कबीर, मीरा, गुरु गोरख रै भेख रो

थोड़ी तो हथाई करलै
जनमां री भरपाई करलै

सत्संग रो सबद
-बडो ई रंगीलो है
सबद
-वसीलो है।