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पटरियाँ / प्रभात

पटरियों को कँपाती हुई आती हैं रेलें
चली जाती हैं
धड़धड़ाते हुए

काँपकर
रह जाती हैं पटरियाँ
करती हैं प्रतीक्षा
उनके फिर आने की