पटरियों को कँपाती हुई आती हैं रेलें
चली जाती हैं
धड़धड़ाते हुए
काँपकर
रह जाती हैं पटरियाँ
करती हैं प्रतीक्षा
उनके फिर आने की
पटरियों को कँपाती हुई आती हैं रेलें
चली जाती हैं
धड़धड़ाते हुए
काँपकर
रह जाती हैं पटरियाँ
करती हैं प्रतीक्षा
उनके फिर आने की